UP Police Constable Previous Year Paper19-06-2018 (Shift -2) Hindi MCQs. Prepare for your UP Police Constable Exam effectively with the comprehensive collection of previous year paper questions. Access a wide range of practice questions designed to enhance your knowledge and boost your performance. Master the exam content, improve time management, and increase your chances of scoring high. Start practicing now!
(1.)
प्रश्न:- कौन-सी रचना तुलसीदास जी की नहीं है?
प्रश्न:- कौन-सी रचना तुलसीदास जी की नहीं है?
(2.)
प्रश्न:- ‘कामायनी’ के रचयिता कौन है?
प्रश्न:- ‘कामायनी’ के रचयिता कौन है?
(3.)
प्रश्न:- ‘देवदास’ उपन्यास पर तीन बार फिल्म बन चुकी है। उपन्यासकार का क्या नाम है?
प्रश्न:- ‘देवदास’ उपन्यास पर तीन बार फिल्म बन चुकी है। उपन्यासकार का क्या नाम है?
(4.)
प्रश्न:- निम्नलिखित कवियों में से गांधी जी ने किस कवि को राष्ट्रकवि का सम्मान दिया?
प्रश्न:- निम्नलिखित कवियों में से गांधी जी ने किस कवि को राष्ट्रकवि का सम्मान दिया?
(5.)
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- उनके पिता कौन-से समाज के नेता थे?
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- उनके पिता कौन-से समाज के नेता थे?
(6.)
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
(7.)
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- ‘रवीन्द्रनाथ टैगोर की कौन-सी रचना का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ?
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- ‘रवीन्द्रनाथ टैगोर की कौन-सी रचना का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(8.)
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- ‘नाइट हुड’ की उपाधि रवीन्द्रनाथ ने क्यों लौटायी-
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- ‘नाइट हुड’ की उपाधि रवीन्द्रनाथ ने क्यों लौटायी-
(9.)
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान के रचनाकार हैं-
निर्देश:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले महानुभावों मे रवीन्द्रनाथ टैगोर का स्थान अग्रगण्य है। उनका जीवन सदैव प्रेरणादायी हैं उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ और माता का नाम शारदा देवी था। उनके पिता ब्रह्म समाज के नेता थे। वे महान कवि, कहानीकार, गीताकार, चित्रकार, संगीतकार, नाटककार एवं सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने 8 वर्ष की छोटी उम्र में कविता लिखी थी। काबुलीवाला, मास्टर साहब, पोस्ट मास्टर जैसी अर्थस्पर्शी कहानियाँ हमें दी हैं। वर्ष 1878 ई० में कानून को पढ़ाई के लिए लंदन गए लेकिन साहित्य प्रेमी रवीन्द्रनाथ जी 1880 ई० में बिना उपाधि (डिग्री) लिए पर आ गए। प्रकृति के प्रेमी से रवीन्द्रनाथ जी ने शांति निकेतन की स्थापना की। 16 अक्टूबर, 1905 को उनके नेतृत्व में कलकत्ता में रक्षाबंधन का उत्सव से बंग-भंग आनयालन का आरंभ हुआ। इसी आन्दोलन से भारत में स्वदेशी आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना गीतांजलि रही, जिसके लिए वर्ष 1913 में करें नोवेल पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड की उन्होंने भरपूर निंदा की। उनका विरोध इतना तीव्र था कि उन्होंने नाइट हुड की उपाधि लौटा दी। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ एवं बांगलादेश का राष्ट्रीय गीत ‘आमार सोनार बांग्ला’ उनकी ही रचना है। सर्वतोमुखी प्रतिभा रखने वाले रवीन्द्रनाथ जी का निधन 7 अगस्त, 1941 में कलकत्ता में हुआ। उनका जीवन सदैव पथ प्रदर्शक है।
प्रश्न:- ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान के रचनाकार हैं-
(10.)
प्रश्न:- निम्नलिखित वाक्यों में से सम्बन्ध कारक वाले वाक्य को पहचानिए।
प्रश्न:- निम्नलिखित वाक्यों में से सम्बन्ध कारक वाले वाक्य को पहचानिए।
(11.)
प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा नहीं है?
प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा नहीं है?
(12.)
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से स्त्रीलिंग को पहचानिए
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से स्त्रीलिंग को पहचानिए
(13.)
प्रश्न:- वर्णों के समुदाय को क्या कहते हैं?
प्रश्न:- वर्णों के समुदाय को क्या कहते हैं?
(14.)
प्रश्न:- करुण रस का स्थायी भाव होगा-
प्रश्न:- करुण रस का स्थायी भाव होगा-
(15.)
प्रश्न:- भीष्म पितामह ने विवाह नहीं करने का निर्णय लिया था। रेखांकित शब्द का समास होगा
प्रश्न:- भीष्म पितामह ने विवाह नहीं करने का निर्णय लिया था। रेखांकित शब्द का समास होगा
(16.)
प्रश्न:- जो मात्रिक सम छंद हैं प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं उसे कहते हैं-
प्रश्न:- जो मात्रिक सम छंद हैं प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं उसे कहते हैं-
(17.)
प्रश्न:- जहाँ एक ही वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है, वहाँ अलंकार होगा।
प्रश्न:- जहाँ एक ही वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है, वहाँ अलंकार होगा।
(18.)
प्रश्न:- ‘कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली’ लोकोक्ति का अर्थ होगा-
प्रश्न:- ‘कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली’ लोकोक्ति का अर्थ होगा-
(19.)
प्रश्न:- माता-पिता लोहे के चने चबाकर बच्चों का पढ़ाते हैं। “लोहे के चने चबाकर” मुहावरा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न:- माता-पिता लोहे के चने चबाकर बच्चों का पढ़ाते हैं। “लोहे के चने चबाकर” मुहावरा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(20.)
प्रश्न:- वाक्य को समाप्त करने के लिए जिसका प्रयोग किया जाता है उसे कहते हैं-
प्रश्न:- वाक्य को समाप्त करने के लिए जिसका प्रयोग किया जाता है उसे कहते हैं-
(21.)
प्रश्न:- वाच्य के कितने प्रकार हैं?
प्रश्न:- वाच्य के कितने प्रकार हैं?
(22.)
प्रश्न:- मुझे आज खाने का मन नहीं होती है। अशुद्ध अंश स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न:- मुझे आज खाने का मन नहीं होती है। अशुद्ध अंश स्पष्ट कीजिए।
(23.)
प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य अशुद्ध है?
प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य अशुद्ध है?
(24.)
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से तद्भव शब्द को पहचानिए –
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से तद्भव शब्द को पहचानिए –
(25.)
प्रश्न:- महौषध शब्द का सन्धि विच्छेद कीजिए।
प्रश्न:- महौषध शब्द का सन्धि विच्छेद कीजिए।
(26.)
प्रश्न:- प्रति + आघात का सन्धि रूप क्या होगा?
प्रश्न:- प्रति + आघात का सन्धि रूप क्या होगा?
(27.)
प्रश्न:- मिलाप, शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
प्रश्न:- मिलाप, शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
(28.)
प्रश्न:- हमें प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करना चाहिए। प्रतिदिन शब्द को पहचानिए।
प्रश्न:- हमें प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करना चाहिए। प्रतिदिन शब्द को पहचानिए।
(29.)
प्रश्न:- कौन-सा जोड़ा समरूपी भिन्नार्थक है?
प्रश्न:- कौन-सा जोड़ा समरूपी भिन्नार्थक है?
(30.)
प्रश्न:- जिनका संबंध आध्यात्म से है- के लिए एक ही शब्द होगा-
प्रश्न:- जिनका संबंध आध्यात्म से है- के लिए एक ही शब्द होगा-
(31.)
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा शब्द अनेकार्थी नहीं है?
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा शब्द अनेकार्थी नहीं है?
(32.)
प्रश्न:- हमें अनाथ बच्चों की मदद करनी चाहिए। अनाथ शब्द का विलोम बताइए।
प्रश्न:- हमें अनाथ बच्चों की मदद करनी चाहिए। अनाथ शब्द का विलोम बताइए।
(33.)
प्रश्न:- पक्षी दाना चुग रहा है। पक्षी शब्द का पयार्यवाची शब्द नहीं है-
प्रश्न:- पक्षी दाना चुग रहा है। पक्षी शब्द का पयार्यवाची शब्द नहीं है-
(34.)
प्रश्न:- ‘सुरेश गीत गा रहा था’ वाक्य में काल है-
प्रश्न:- ‘सुरेश गीत गा रहा था’ वाक्य में काल है-
(35.)
प्रश्न:- निम्नलिखित वाक्यों में से पूर्ण वर्तमान काल को स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न:- निम्नलिखित वाक्यों में से पूर्ण वर्तमान काल को स्पष्ट कीजिए।
(36.)
प्रश्न:- ‘जागना’ मूल रूप क्रिया का प्रथम प्रेरणार्थ रूप क्या होगा ?
प्रश्न:- ‘जागना’ मूल रूप क्रिया का प्रथम प्रेरणार्थ रूप क्या होगा ?
(37.)
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से विशेषण को पहचानिए।
प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों में से विशेषण को पहचानिए।
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