UP Police Si Previous Year Paper 13-12-2017 (Shift -1)Hindi MCQs. Prepare for your UP Police Si Exam effectively with the comprehensive collection of previous year paper questions. Access a wide range of practice questions designed to enhance your knowledge and boost your performance. Master the exam content, improve time management, and increase your chances of scoring high. Start practicing now!
(1.)
प्रश्न:- अनुच्छेद के निम्नलिखित वाक्यों को सही क्रम में लगाएं
(A) इसका सबूत जिले के विभिन्न स्थानों पर पाए जाने वाले शिलालेख, सिक्के, (दुर्गा मंदिर) व अन्य वस्तुएं हैं जिनका संबंध समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त और स्कन्दगुप्त के शासन काल से था।
(B) सिंग्रामपुर में मिले पौराणिक काल के पाषाण हथियार इस बात का साक्ष्य हैं कि यह स्थान करोड़ों वर्ष पहले से मानव सभ्यता का पालना रहा है
(C) 5वीं शताब्दी में यह पाटलिपुत्र के भव्य एवं शक्तिशाली गुप्त साम्राज्य का हिस्सा था।
(D) दमोह का इतिहास बहुत प्राचीन है।
प्रश्न:- अनुच्छेद के निम्नलिखित वाक्यों को सही क्रम में लगाएं
(A) इसका सबूत जिले के विभिन्न स्थानों पर पाए जाने वाले शिलालेख, सिक्के, (दुर्गा मंदिर) व अन्य वस्तुएं हैं जिनका संबंध समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त और स्कन्दगुप्त के शासन काल से था।
(B) सिंग्रामपुर में मिले पौराणिक काल के पाषाण हथियार इस बात का साक्ष्य हैं कि यह स्थान करोड़ों वर्ष पहले से मानव सभ्यता का पालना रहा है
(C) 5वीं शताब्दी में यह पाटलिपुत्र के भव्य एवं शक्तिशाली गुप्त साम्राज्य का हिस्सा था।
(D) दमोह का इतिहास बहुत प्राचीन है।
(2.)
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से किल्मिष का समानार्थी शब्द चुनिए।
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से किल्मिष का समानार्थी शब्द चुनिए।
(3.)
प्रश्न:- रेशमी-टाई – एकांकी संग्रह के रचयिता कौन हैं?
प्रश्न:- रेशमी-टाई – एकांकी संग्रह के रचयिता कौन हैं?
(4.)
प्रश्न:- घी-खिचड़ी होना इस कहावत का अर्थ बताएं?
प्रश्न:- घी-खिचड़ी होना इस कहावत का अर्थ बताएं?
(5.)
प्रश्न:- ताजमहल….. का अद्भुत नमूना है। दिए गए विकल्पों में
से सही का चयन कर रिक्त स्थान की पूर्ति करें?
प्रश्न:- ताजमहल….. का अद्भुत नमूना है। दिए गए विकल्पों में
से सही का चयन कर रिक्त स्थान की पूर्ति करें?
(6.)
प्रश्न:- चोटी का पसीना एड़ी तक आना – इस कहावत का अर्थ बताएं?
प्रश्न:- चोटी का पसीना एड़ी तक आना – इस कहावत का अर्थ बताएं?
(7.)
प्रश्न:- नदी का जल ठंडा है का सामान्य बहुवचन बताएं?
प्रश्न:- नदी का जल ठंडा है का सामान्य बहुवचन बताएं?
(8.)
प्रश्न:- मेरे कुर्ता-पाजामा में साढ़े तीन मीटर कपड़ा लगेगा ?
वाक्य में विशेषण पहिचानिए।
प्रश्न:- मेरे कुर्ता-पाजामा में साढ़े तीन मीटर कपड़ा लगेगा ?
वाक्य में विशेषण पहिचानिए।
(9.)
प्रश्न:- निम्न वाक्य के किस भाग में त्रुटि है?
हम कब तक सहते रहेंगे रहेंगे।
प्रश्न:- निम्न वाक्य के किस भाग में त्रुटि है?
हम कब तक सहते रहेंगे रहेंगे।
(10.)
प्रश्न:- क्रोध……. का ही एक…….. रूप है। दिए गए विकल्पों मे से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
प्रश्न:- क्रोध……. का ही एक…….. रूप है। दिए गए विकल्पों मे से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
(11.)
प्रश्न:- कुछ बच्चे इधर आओ वाक्स में विशेषण पहचानिए?
प्रश्न:- कुछ बच्चे इधर आओ वाक्स में विशेषण पहचानिए?
(12.)
प्रश्न:- निम्न वाक्यों में एक वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है, पहिचानिए ?
प्रश्न:- निम्न वाक्यों में एक वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है, पहिचानिए ?
(13.)
प्रश्न:- निम्न वाक्य के किस भाग में त्रुटि है?
इसके लिए एक प्रमाणिक कथा प्रचलित है।
प्रश्न:- निम्न वाक्य के किस भाग में त्रुटि है?
इसके लिए एक प्रमाणिक कथा प्रचलित है।
(14.)
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से कृपण का विरुद्धार्थी शब्द चुनिए?
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से कृपण का विरुद्धार्थी शब्द चुनिए?
(15.)
प्रश्न:- छोटा ……… बड़ी बात लोकोक्ति को पूरा करें?
प्रश्न:- छोटा ……… बड़ी बात लोकोक्ति को पूरा करें?
(16.)
प्रश्न:- आधुनिक भारतीय आर्यभाषा का काल क्रम कब से कब तक का है?
प्रश्न:- आधुनिक भारतीय आर्यभाषा का काल क्रम कब से कब तक का है?
(17.)
निर्देश:- गद्यांश पढ़े एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चुनेः
भारतीय धर्म ग्रंथ में अनेक तथ्यों का वर्णन मिलता है। किसी भी पुराण में अवतारवाद को प्रधान अंग माना गया है। प्रायः सभी पुराणों में अवतार का प्रसंग आता है। कहीं दस अवतारों की धारणा की पुष्टि हुई है तो कहीं चौबीस अवतारों की। जैन और बौद्ध धर्म को अपने में आत्मसात करने के उद्देश्य से जैन धर्म के आदि प्रवतर्क ऋषभदेव चौबीस अवतारों में हुए और बुद्धदेव के नवें अवतार में। सबसे आश्चर्य और कौतूहल की बात है कि संसार के ये ही दो धर्म हैं जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। भारतीय परिपाटी के अनुसार आस्तिक और नास्तिक का भेद ईश्वर को मानने या न मानने पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि वेद के मानने या न मानने पर रहा है। इसी कारण सांख्य तथा मीमांसा की गणना नास्तिक दर्शन में होती चली आई है। किन्तु जैन और बौद्ध धर्म तो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। फिर भी इनके प्रवर्तकों को अवतारों की कोटि में स्थान देना हिन्दू धर्म की उदारता तथा सहिष्णुता का द्योतक है। आज भी हिन्दू हिन्दू के कट्टर नेताओं के हृदय और वाणी में संसार के अन्य धर्मों के प्रवर्तकों के प्रति अत्यधिक सम्मान और आदर पाया जाता है। आधुनिक युग में भी अवतारवाद का ही महत्व है क्योंकि मानव प्राणी में आज भी अवतारवाद पर ही विश्वास है। वैसे हिन्दू धर्म में अवतारवाद को ही श्रेष्ठ मानते हैं। हर हिन्दू समाज में अवतारबाद के ही ऊपर बल देते हैं क्योंकि उन्हीं में विश्वास है।
प्रश्न:- ………और……… ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते?
निर्देश:- गद्यांश पढ़े एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चुनेः
भारतीय धर्म ग्रंथ में अनेक तथ्यों का वर्णन मिलता है। किसी भी पुराण में अवतारवाद को प्रधान अंग माना गया है। प्रायः सभी पुराणों में अवतार का प्रसंग आता है। कहीं दस अवतारों की धारणा की पुष्टि हुई है तो कहीं चौबीस अवतारों की। जैन और बौद्ध धर्म को अपने में आत्मसात करने के उद्देश्य से जैन धर्म के आदि प्रवतर्क ऋषभदेव चौबीस अवतारों में हुए और बुद्धदेव के नवें अवतार में। सबसे आश्चर्य और कौतूहल की बात है कि संसार के ये ही दो धर्म हैं जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। भारतीय परिपाटी के अनुसार आस्तिक और नास्तिक का भेद ईश्वर को मानने या न मानने पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि वेद के मानने या न मानने पर रहा है। इसी कारण सांख्य तथा मीमांसा की गणना नास्तिक दर्शन में होती चली आई है। किन्तु जैन और बौद्ध धर्म तो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। फिर भी इनके प्रवर्तकों को अवतारों की कोटि में स्थान देना हिन्दू धर्म की उदारता तथा सहिष्णुता का द्योतक है। आज भी हिन्दू हिन्दू के कट्टर नेताओं के हृदय और वाणी में संसार के अन्य धर्मों के प्रवर्तकों के प्रति अत्यधिक सम्मान और आदर पाया जाता है। आधुनिक युग में भी अवतारवाद का ही महत्व है क्योंकि मानव प्राणी में आज भी अवतारवाद पर ही विश्वास है। वैसे हिन्दू धर्म में अवतारवाद को ही श्रेष्ठ मानते हैं। हर हिन्दू समाज में अवतारबाद के ही ऊपर बल देते हैं क्योंकि उन्हीं में विश्वास है।
प्रश्न:- ………और……… ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते?
(18.)
निर्देश:- गद्यांश पढ़े एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चुनेः
भारतीय धर्म ग्रंथ में अनेक तथ्यों का वर्णन मिलता है। किसी भी पुराण में अवतारवाद को प्रधान अंग माना गया है। प्रायः सभी पुराणों में अवतार का प्रसंग आता है। कहीं दस अवतारों की धारणा की पुष्टि हुई है तो कहीं चौबीस अवतारों की। जैन और बौद्ध धर्म को अपने में आत्मसात करने के उद्देश्य से जैन धर्म के आदि प्रवतर्क ऋषभदेव चौबीस अवतारों में हुए और बुद्धदेव के नवें अवतार में। सबसे आश्चर्य और कौतूहल की बात है कि संसार के ये ही दो धर्म हैं जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। भारतीय परिपाटी के अनुसार आस्तिक और नास्तिक का भेद ईश्वर को मानने या न मानने पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि वेद के मानने या न मानने पर रहा है। इसी कारण सांख्य तथा मीमांसा की गणना नास्तिक दर्शन में होती चली आई है। किन्तु जैन और बौद्ध धर्म तो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। फिर भी इनके प्रवर्तकों को अवतारों की कोटि में स्थान देना हिन्दू धर्म की उदारता तथा सहिष्णुता का द्योतक है। आज भी हिन्दू हिन्दू के कट्टर नेताओं के हृदय और वाणी में संसार के अन्य धर्मों के प्रवर्तकों के प्रति अत्यधिक सम्मान और आदर पाया जाता है। आधुनिक युग में भी अवतारवाद का ही महत्व है क्योंकि मानव प्राणी में आज भी अवतारवाद पर ही विश्वास है। वैसे हिन्दू धर्म में अवतारवाद को ही श्रेष्ठ मानते हैं। हर हिन्दू समाज में अवतारबाद के ही ऊपर बल देते हैं क्योंकि उन्हीं में विश्वास है।
प्रश्न:- सांख्य तथा मीमांसा की गणना किसमें होती चली आई है?
निर्देश:- गद्यांश पढ़े एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चुनेः
भारतीय धर्म ग्रंथ में अनेक तथ्यों का वर्णन मिलता है। किसी भी पुराण में अवतारवाद को प्रधान अंग माना गया है। प्रायः सभी पुराणों में अवतार का प्रसंग आता है। कहीं दस अवतारों की धारणा की पुष्टि हुई है तो कहीं चौबीस अवतारों की। जैन और बौद्ध धर्म को अपने में आत्मसात करने के उद्देश्य से जैन धर्म के आदि प्रवतर्क ऋषभदेव चौबीस अवतारों में हुए और बुद्धदेव के नवें अवतार में। सबसे आश्चर्य और कौतूहल की बात है कि संसार के ये ही दो धर्म हैं जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। भारतीय परिपाटी के अनुसार आस्तिक और नास्तिक का भेद ईश्वर को मानने या न मानने पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि वेद के मानने या न मानने पर रहा है। इसी कारण सांख्य तथा मीमांसा की गणना नास्तिक दर्शन में होती चली आई है। किन्तु जैन और बौद्ध धर्म तो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। फिर भी इनके प्रवर्तकों को अवतारों की कोटि में स्थान देना हिन्दू धर्म की उदारता तथा सहिष्णुता का द्योतक है। आज भी हिन्दू हिन्दू के कट्टर नेताओं के हृदय और वाणी में संसार के अन्य धर्मों के प्रवर्तकों के प्रति अत्यधिक सम्मान और आदर पाया जाता है। आधुनिक युग में भी अवतारवाद का ही महत्व है क्योंकि मानव प्राणी में आज भी अवतारवाद पर ही विश्वास है। वैसे हिन्दू धर्म में अवतारवाद को ही श्रेष्ठ मानते हैं। हर हिन्दू समाज में अवतारबाद के ही ऊपर बल देते हैं क्योंकि उन्हीं में विश्वास है।
प्रश्न:- सांख्य तथा मीमांसा की गणना किसमें होती चली आई है?
(19.)
निर्देश:- गद्यांश पढ़े एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चुनेः
भारतीय धर्म ग्रंथ में अनेक तथ्यों का वर्णन मिलता है। किसी भी पुराण में अवतारवाद को प्रधान अंग माना गया है। प्रायः सभी पुराणों में अवतार का प्रसंग आता है। कहीं दस अवतारों की धारणा की पुष्टि हुई है तो कहीं चौबीस अवतारों की। जैन और बौद्ध धर्म को अपने में आत्मसात करने के उद्देश्य से जैन धर्म के आदि प्रवतर्क ऋषभदेव चौबीस अवतारों में हुए और बुद्धदेव के नवें अवतार में। सबसे आश्चर्य और कौतूहल की बात है कि संसार के ये ही दो धर्म हैं जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। भारतीय परिपाटी के अनुसार आस्तिक और नास्तिक का भेद ईश्वर को मानने या न मानने पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि वेद के मानने या न मानने पर रहा है। इसी कारण सांख्य तथा मीमांसा की गणना नास्तिक दर्शन में होती चली आई है। किन्तु जैन और बौद्ध धर्म तो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। फिर भी इनके प्रवर्तकों को अवतारों की कोटि में स्थान देना हिन्दू धर्म की उदारता तथा सहिष्णुता का द्योतक है। आज भी हिन्दू हिन्दू के कट्टर नेताओं के हृदय और वाणी में संसार के अन्य धर्मों के प्रवर्तकों के प्रति अत्यधिक सम्मान और आदर पाया जाता है। आधुनिक युग में भी अवतारवाद का ही महत्व है क्योंकि मानव प्राणी में आज भी अवतारवाद पर ही विश्वास है। वैसे हिन्दू धर्म में अवतारवाद को ही श्रेष्ठ मानते हैं। हर हिन्दू समाज में अवतारबाद के ही ऊपर बल देते हैं क्योंकि उन्हीं में विश्वास है।
प्रश्न:- नास्तिक का अर्थ है………..
निर्देश:- गद्यांश पढ़े एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चुनेः
भारतीय धर्म ग्रंथ में अनेक तथ्यों का वर्णन मिलता है। किसी भी पुराण में अवतारवाद को प्रधान अंग माना गया है। प्रायः सभी पुराणों में अवतार का प्रसंग आता है। कहीं दस अवतारों की धारणा की पुष्टि हुई है तो कहीं चौबीस अवतारों की। जैन और बौद्ध धर्म को अपने में आत्मसात करने के उद्देश्य से जैन धर्म के आदि प्रवतर्क ऋषभदेव चौबीस अवतारों में हुए और बुद्धदेव के नवें अवतार में। सबसे आश्चर्य और कौतूहल की बात है कि संसार के ये ही दो धर्म हैं जो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। भारतीय परिपाटी के अनुसार आस्तिक और नास्तिक का भेद ईश्वर को मानने या न मानने पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि वेद के मानने या न मानने पर रहा है। इसी कारण सांख्य तथा मीमांसा की गणना नास्तिक दर्शन में होती चली आई है। किन्तु जैन और बौद्ध धर्म तो ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं करते। फिर भी इनके प्रवर्तकों को अवतारों की कोटि में स्थान देना हिन्दू धर्म की उदारता तथा सहिष्णुता का द्योतक है। आज भी हिन्दू हिन्दू के कट्टर नेताओं के हृदय और वाणी में संसार के अन्य धर्मों के प्रवर्तकों के प्रति अत्यधिक सम्मान और आदर पाया जाता है। आधुनिक युग में भी अवतारवाद का ही महत्व है क्योंकि मानव प्राणी में आज भी अवतारवाद पर ही विश्वास है। वैसे हिन्दू धर्म में अवतारवाद को ही श्रेष्ठ मानते हैं। हर हिन्दू समाज में अवतारबाद के ही ऊपर बल देते हैं क्योंकि उन्हीं में विश्वास है।
प्रश्न:- नास्तिक का अर्थ है………..
(20.)
प्रश्न:- कदाचित संध्या को पानी बरसे। इस वाक्य का काल पहचानें।
प्रश्न:- कदाचित संध्या को पानी बरसे। इस वाक्य का काल पहचानें।
(21.)
प्रश्न:- लड़के को बुलाओ का सामान्य बहुवचन बताएं?
प्रश्न:- लड़के को बुलाओ का सामान्य बहुवचन बताएं?
(22.)
प्रश्न:- दिल्ली की एशिया में………… स्थान रखती है। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
प्रश्न:- दिल्ली की एशिया में………… स्थान रखती है। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
(23.)
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से एषणा का समानार्थी शब्द चुनिए?
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से एषणा का समानार्थी शब्द चुनिए?
(24.)
प्रश्न:- चुनाव क्षेत्रों का पुनः____ किया जाना चाहिए। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थान की पूर्ती कीजिये?
प्रश्न:- चुनाव क्षेत्रों का पुनः____ किया जाना चाहिए। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थान की पूर्ती कीजिये?
(25.)
प्रश्न:- नहीं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहिं काल। अलि कली ही सौं विन्ध्यों आगे कौन हवाल।
इस उक्ति में अलंकार पहचाहिए।
प्रश्न:- नहीं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहिं काल। अलि कली ही सौं विन्ध्यों आगे कौन हवाल।
इस उक्ति में अलंकार पहचाहिए।
(26.)
प्रश्न:- पंडित बनारसीदास द्वारा लिखित हिंदी की पहली आत्मकथा का नाम क्या है?
प्रश्न:- पंडित बनारसीदास द्वारा लिखित हिंदी की पहली आत्मकथा का नाम क्या है?
(27.)
प्रश्न:- हिंदी को विकास प्रदान करने वाली भाषा कौन-सी है?
प्रश्न:- हिंदी को विकास प्रदान करने वाली भाषा कौन-सी है?
(28.)
प्रश्न:- सुरक्षित वातावरण बनाने का सही और सीधा तरीका यह है कि प्रसन्नता, संतोष, उत्साह, उल्लास की ……… बनाए रखने का पूर्ण……… किया जाए। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
प्रश्न:- सुरक्षित वातावरण बनाने का सही और सीधा तरीका यह है कि प्रसन्नता, संतोष, उत्साह, उल्लास की ……… बनाए रखने का पूर्ण……… किया जाए। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
(29.)
प्रश्न:- हरिपद कोमल कमल से इस उक्ति में कौन सा अलंकार है?
प्रश्न:- हरिपद कोमल कमल से इस उक्ति में कौन सा अलंकार है?
(30.)
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से उपार्जित का विरुद्धाथी शब्द चुनिए।
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से उपार्जित का विरुद्धाथी शब्द चुनिए।
(31.)
प्रश्न:- पानी का सामान्य बहुवचन बताएँ?
प्रश्न:- पानी का सामान्य बहुवचन बताएँ?
(32.)
प्रश्न:- बिनु पग चले, सुने बिनु काना इस उक्ति में अलंकार पहचानिए।
प्रश्न:- बिनु पग चले, सुने बिनु काना इस उक्ति में अलंकार पहचानिए।
(33.)
प्रश्न:- हनुमान की पूंछ में लग न पाई आग, लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग इस उक्ति में कौन-सा अलंकार है?
प्रश्न:- हनुमान की पूंछ में लग न पाई आग, लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग इस उक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(34.)
प्रश्न:- भारत रत्न विभूषित कवि कौन से हैं?
प्रश्न:- भारत रत्न विभूषित कवि कौन से हैं?
(35.)
प्रश्न:- अधजल गगरी छलकत जाए ____________. उक्त मुहावरे के लिए वाक्य बताएं।
प्रश्न:- अधजल गगरी छलकत जाए ____________. उक्त मुहावरे के लिए वाक्य बताएं।
(36.)
प्रश्न:- सन् 2014 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता उपन्यासकार रमेशचंद्र शाह के उपन्यास का नाम क्या है?
प्रश्न:- सन् 2014 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता उपन्यासकार रमेशचंद्र शाह के उपन्यास का नाम क्या है?
(37.)
प्रश्न:- कमल का स्त्रीलिंग बताएं।
प्रश्न:- कमल का स्त्रीलिंग बताएं।
(38.)
प्रश्न:- निम्न वाक्यों में एक वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है, पहचानिए?
प्रश्न:- निम्न वाक्यों में एक वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है, पहचानिए?
(39.)
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से ‘ऊर्जा’ का समानार्थी शब्द चुनिए?
प्रश्न:- दिए गए विकल्पों में से ‘ऊर्जा’ का समानार्थी शब्द चुनिए?
(40.)
प्रश्न:- ब्राह्मण का स्त्रीलिंग बताएं?
प्रश्न:- ब्राह्मण का स्त्रीलिंग बताएं?
Keywords :- UP Police, UP Police Si, UP Police Si Previous Year Paper Questions, practice questions, exam preparation, comprehensive collection, boost performance, master exam content, time management, scoring high, enhance knowledge, improve skills.
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